Draupadi, the great heroine of the Mahabharat by Painter Babu Rishabh Shukla
महाभारत की महानायिका- द्रौपदी
'महाभारत' - हमारे प्राचीन इतिहास की महागाथा ....... धर्म की अधर्म पर विजय का साक्षी ..... महाभारत साक्षी है कि जब-जब संसार में अधर्म ने धर्म पर हावी होने का प्रयत्न किया है , तब स्वयं धर्म की रक्षा करने हेतु ईश्वर संसार में अवतरित हुए हैं और धर्म की रक्षा की है . महाभारत की गाथा से सबसे बड़ा संदेश जो मिलता है वो यह है कि स्त्री का अपमान करने की चेष्टा करने वालों का जड़मूल समेत सर्वनाश होता है और इसकी साक्षात संदेशवाहिनी बनीं द्रुपदनंदिनी द्रौपदी .
'द्रौपदी' - प्रतीक है धर्म की, न्याय की..... द्रौपदी वह लौह नारी हैं जिन्होंने द्वापर युग में और आने वाले युगों व पीढ़ियों के लिये यह स्पष्ट संदेश दिया कि नारी का अपमान करने की चेष्टा करने वाले कापुरुषों का जो रक्तरंजित समूल अंत होता है वो सदियों तक रुह में कँपन पैदा करने वाला होता है.
इतिहास साक्षी है कि द्रौपदी ही असल में महाभारत की महानायिका है, महाभारती है , अपराजिता है, लौह नारी है. यज्ञकुण्ड से अवतरित वो देवी स्वरुपा हैं जो अन्याय , अनाचार , अधर्म व अनैतिकता के विरुद्ध चुनौती बनकर अग्निज्वाला सी दहकती रहीं व विजयी हुईं . बहुत से लोगों ने भरी सभा में अपमान कर उस द्रुपद्सुता को तोड़ने के लिये हर संभव प्रयत्न किये पर द्रौपदी ज्वालामुखी सी अग्निशिखा के समान धधकती हुई, न सिर्फ अपने पतिव्रता धर्म का पालन करते हुए अपने पाँचों पतियों को दासता से मुक्ति दिलायी बल्कि एक वीरांगना के रुप में शपथ भी ली कि वो अपने अपमान का बदला दुशासन के रक्त से अपने केश धोकर लेगी व भरी सभा में द्रौपदी का अपमान करने वालों को जब तक यमलोक न पहुँचा दिया जाए, तब तक उसकी अंतरात्मा को शाँति नहीं मिलेगी .
द्रौपदी नारी शक्ति की द्योतक हैं . वह युद्ध की देवी हैं , प्रचंड साहसी हैं जिन्होंने अपने जीवन में हर प्रकार के अपमान सहे परंतु वो न झुकीं, न टूटीं बल्कि एक ऐसे महाभारत युद्ध की रचना की जिसके आघोष में सब छितर बितर हो गया. द्रौपदी के तेज व विलक्षण व्यक्तित्व को श्रीकृ्ष्ण ने ही समझा तभी तो धर्म की अधर्म पर विजय का संदेश देने के लिये स्रोत बनीं द्रौपदी .
द्रौपदी वह स्त्री हैं जिनके जीवन में अनेकों संघर्ष आए. स्वयंवर में पति के रुप में अर्जुन को चुना पर विधि की विडंम्बना तो देखिये कि अर्जुन और कुंती की गलती के कारण द्रौपदी को पाँच पतियों की पत्नी होने की त्रासदी सहनी पड़ी . जिसके कारण द्रौपदी को अनेकों लाँछन सहने पड़े . विचित्र मर्यादाओं व नियम जो उसी के लिये बनाए गए उनका पालन करना पड़ा . द्रौपदी अद्वितीय सौंदर्य , तार्किक शक्ति , बुद्धिमत्ता व विद्या की धनी वीरांगना स्त्री थीं. . उनके विलक्षण व्यक्तित्व के कारण बड़े- बड़े महारथियों ने ईर्ष्या व जलन के कारण उनके खिलाफ अनेकों षड़यंत्र व कुचक्र रचे ताकि द्रौपदी उनके समुख टूट जाए , झुक जाए व अपना मनोबल खो बैठे . परंतु अतुल्य था द्रुपदनंदिनी का आत्मबल . आजीवन संघर्षों के कारण वह भी टूट सकती थी पर जितना कापुरुषों ने उन्हें कुचलने का प्रयास किया वो उतनी ही धधकती हुई एक क्रुद्ध वीरांगना की तरह हुंकारती हुई हर अत्याचार के खिलाफ पुरजोर विरोध करती रहीं.धर्म की रक्षा के लिये तत्पर रहीं.
द्र्पदनंदिनी द्रौपदी का अंत तक कोई भी आत्म- सम्मान व मनोबल तोड़ न सका. कोई भी उनके मार्ग को काट नहीं पाया . द्रुपदनंदिनी की आपार शक्ति, बौधिक कौशल , मनोबल व स्वाभिमान का लोहा उनके दुश्मनों ने भी माना. उस युग में द्रौपदी ही एकमात्र ऐसी स्त्री हैं जो नारी शक्ति की द्योतक हैं . महाभारत काल की ही यदि बात करें तो कितनी ही नारियों पर धर्म के नाम पर अनेकों अत्याचार किये गए. ध्यान देने योग्य बात है , जो हुआ अम्बा के साथ . किस विवशता के कारण उसने आत्मघात किया . अंधत्व से ब्याह देने पर क्यों गांधारी ने भी सदा के लिये अपनी आँखे बंद कर ली थीं . परंतु द्रौपदी का चरित्र ऐसा है जो ना सिर्फ नारी के भीतर बल्कि पुरुषों में भी वीरता फूँक दें . जिसमें अग्निज्वाला है , प्रतिशोध की भावना है तो करुणा का सागर भी है. श्रीकृ्ष्ण की परम भक्त , उस युग में भक्ति की शक्ति को दर्शाने वाली, स्वर्ण की भाँति वो जितना जली उतनी ही प्रखर व दिव्य होती गई. वो लावण्या थी. अकेलेदम अन्याय के खिलाफ पुरजोर विरोध कर स्वाभिमान के साथ जीवन जीने वाली एक शक्ति व प्रेरणा स्रोत थीं.
द्रौपदी साक्षी हैं एक ऐसे संपूर्ण व्यक्तित्व की जो अपनी ज़िम्मेदारियों को संपूर्ण ईमानदारी के साथ निभाती हुई जीवन के संघर्षों का ड्ट्कर व पूरे साहस के साथ सामना कर व हर अत्याचार , कर कुचक्र , षड़्यंत्र को अपने मनोबल द्वारा काटती और विरोध करती हुईं दीपशिखा की भाँति प्रज्जवलित होती रहीं व धर्म का प्रतीक बन सही मायनों में बनीं महाभारत की महानायिका व अपराजिता.
- ऋषभ शुक्ला ( Rishabh Shukla )
Rishabh Shukla aka Painter Babu
Painter| Journalist| Art Activist | Design Entrepreneur
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Earned Double M.A Degrees in Ancient Indian history, culture and archaeology and English Literature | Studied Interior Design and Visual Merchandising | Holds Sangeet Prabhakar Degree in Indian Classical Percussion instrument Tabla |
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° The story behind the most admirable products of our label named as desi dolls and chemo dolls has covered by renowned news channels, print and online media like India voice, Zee news, ETV, Micircles, Eenadu India, The rising Star, Kerala Mirror, Cultural Mosaic to name a few.
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° Received Excellence Award in fine arts from Uttar Pradesh Art Society in the year 2016.
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